बिहार में स्थानीय नगर निकाय चुनाव की तैयारी पर लग गई रोक। चुनाव के मात्र 6 दिन पहले पटना हाई कोर्ट के द्वारा चुनाव पर रोक लगा दिया है। आइये जाने रोक लगने के कारणों के बारे में
किसी भी राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव आरक्षण सम्बंधित फेर बदल के लिए राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार कार्य करना पढता है।
ट्रिपल टेस्ट क्या है। Tripal Test kya hai?
अगर कोई राज्य सरकार अपने स्थानीय निकाय चुनाव में किसी भी वर्ग के आरक्षण में फेरबदल करना चाहती है तो उसे सुप्रीम कोर्ट के दिए गये आदेश को पालन करना जरुरी होता है। राज्य निर्वाचन आयोग/राज्य सरकार के द्वारा सम्बंधित वर्ग के लिए आयोग का गठन किया जाता है। आयोग के टीम के द्वारा पुरे प्रदेश का दौरा किया जाता है। आरक्षण सम्बंधित जाँच किये जाते हैं। सर्वे किया जाता है। इन तथ्यों का रिपोर्ट बना कर किया जाता है। तथा ये भी ध्यान रखना होता है की आरक्षण की सीमा 50 %से ज्यादा नहीं हो परन्तु बिहार निकाय चुनाव ऐसा नहीं होने के कारण चुनाव पर रोक लगा दिया गया।
चुनाव से पहले आयोग का गठन नहीं किया। दूसरा- ईबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) को 20% अतिरिक्त आरक्षण दिया, जो ओबीसी के आरक्षण से अलग है। इसके बाद आरक्षण की सीमा 50% से ज्यादा हो गई।
मध्यप्रदेश की घटना से समझे
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ट्रिपल टी टेस्ट के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया। आयोग ने पूरे प्रदेश का दौरा किया, तथ्य जुटाए, व्यापक सर्वे किया और उन तथ्यों और सर्वे के आधार पर जो रिपोर्ट आई, वो उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत की गई। सुप्रीम कोर्ट ने निकायवार रिपोर्ट मांगी, जिसे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
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