किसानों के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई योजनाओं को चलाया जा रहा है। इसके साथ ही कई कृषि से जुड़े संस्थान भी किसानों के लिए काम कर रहे हैं। किसानों के लिए कृषि साख समिति भी बहुत सारे कामों को कर रही है। कृषि साख समिति द्वारा किसानों को कृषि लोन,एग्रीकल्चर इनपुट ,खाद ,उर्वरक ,कृषि उपकरण भाड़े पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
पैक्स क्या है ?|
पैक्स एक सहकारी संस्थान है। पैक्स को हिंदी में प्राथमिक कृषि साख समिति के नाम से जाना जाता है। pacs का फुल फॉर्म Primary Agricultural Credit Societies कहा जाता है। लोगों को उच्चारण करने में आसानी हो। इसीलिए इसे pacs / पैक्स कहा जाता है।
भारत सरकार के द्वारा किसानों के लिए चलाये जा रहे योजनाओं को सफलतापूर्वक किसानों तक पहुंचाने के लिए सभी पंचायत स्तर पर पैक्स भवन का निर्माण किया गया है। पैक्स के द्वारा सरकार के योजनाओं को किसानो तक पहुँचाया जाता है। फसल बीमा ,उर्वरक ,बीज,कीटनाशक,कृषि इनपुट से जुड़े सामान तथा संसाधन को सरकारी रेट पर किसानों को उपलब्ध कराया जाता है। पैक्स के द्वारा किसानों को k.c.c लोन ,ग्रुप लोन उपलब्ध कराये जाते हैं। पुरे भारत में k.c.c लोन बाँटने में सहकारिता बैंक 1 नबर पर आता है। पैक्स के द्वारा सस्ते ब्याज दर पर किसानो को यह लोन दिया जाता है।
पैक्स कम्प्युटरीकरण योजना क्या है pacs computerisation क्या है।
पैक्स कम्प्यूटीकरण योजना केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत देश के सारे पैक्सों को common accounting system से जोड़ा जायेगा। जिसके अंतर्गत प्रत्येक पैक्स को कंप्यूटर सिस्टम के साथ -साथ बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराया जायेगा।
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पैक्स कम्प्यूटीकरण क्यों जरुरी है।
वर्तमान में पुरे देश में जितनी भी पैक्स समितियाँ काम कर रही है उनमें से अधिकांश समितियों के सारे काम मैन्युअल /लिखित किये जा रहे हैं। लिखित काम करने के कारण इन समितियों में हो रहे काम में एक समानता नहीं होती है। जिसकी वजह से अलग -अलग पैक्सों के कार्य में अंतर आ जाता है। सरकार को एक सामान नीतियाँ लागु करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान परिस्तिथि में देखें तो गुजरात में कार्यरत पैक्स आगे बढ़ रहा है तो बिहार या अन्य राज्यों के पैक्स पीछे हैं. पैक्स कम्पूटरीकरण होने से सारे पैक्सों के कार्यों में समानता होने और रियल टाइम डाटा मिलने से सारे पैक्स एक साथ सामान रूप से कार्य करने लगेंगे।
पैक्स कम्पूटरीकरण के क्या लाभ है।
- फसल बीमा योजना का लाभ जल्द से जल्द मिलेगा।
- DBT के माध्यम से किसानों के राशि भुगतान में तेजी आयेगी।
- ब्याज सबवेंशन योजना का लाभ मिलेगा।
- खाद ,उर्वरक,कृषि इनपुट ,का लाभ किसानों को मिलेगा।
- बैंकिंग प्रणाली से सारे पैक्सों को जोड़ा जायेगा।
- किसानों से फसलों की खरीद प्रकिर्या जैसे धान ,मक्का ,गेंहूँ में पारदर्शिता आयेगी।
- पैक्स में हो रही तमाम व्यवसायिक गति विधियों तथा डाटा को ऑनलाइन देखने और एकत्र करने की सुविधा होगी।
पैक्स कम्पूटरीकरण के लिए जरुरी पात्रता।
- पैक्स कम्पूटरीकरण के लिए पैक्स ऑडिट होना चाहिए।
- पैक्स कार्यरत होना चाहिए।
- पैक्स कम से कम 3 वषों से लाभ में हो। आवश्य्कतानुसार फेरबदल किया जा सकता है।
बिहार में पैक्स कम्पूटरीकरण योजना?
बिहार में पैक्स कम्पूटरीकरण योजना को पहले ही लागु करने पर विचार किया जा रहा था। परंतु किसी कारणवश चालू नहीं हो पाया था। केंद्र में अलग सहकारिता मंत्रालय बनने से पैक्स कम्पूटरीकरण पर अधिक जोर दिया जा रहा है। बिहार पैक्स कम्पूटरीकरण के नाबार्ड चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है। वर्तमान में अभी बिहार में 8463 पैक्स हैं। जिनमे से 6000 पैक्सों का ऑडिट हो चुका है। तथा प्रत्येक पैक्स में 4.37 लाख से लेकर 5 लाख तक रूपये खर्च होंगे।
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