MUKHIYA ka chunaw kaise hota hai

MUKHIYA ka chunaw kaise hota hai , मुखिया का चुनाव कैसे होता है।

MUKHIYA ka chunaw kaise hota hai ,मुखिया का चुनाव कैसे होता है मुखिया और वार्ड सदस्य ,वार्ड मेंबर ये जनप्रतिनिधि ही ऐसे पद है। जहाँ प्रतिनिधि और जनता एक साथ रहते है। जहाँ के जनता अपने प्रतिनिधि सीधे संवाद कर सकते हैं। mukhiya ka chunaw kaise hota hai

mukhiya ka chunaw kaise hota hai ?

किसी भी पंचायत का निर्माण वहाँ रहने वाले जनसख्याँ पर निर्भर करता हैं। एक पंचायत के निर्माण के लिए लगभग 7000 की जनसँख्या की आवश्यकता होती है जिसके लिए एक या एक से अधिक गाँवों को मिलकर बनता है। उसी गाँवों 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का ग्राम सभा का निर्माण किया जाता है। यहाँ आसान भाषा में आप ग्राम सभा मतलब वोटरलिस्ट में जितने आदमी होते हैं। वो सभी ग्राम सभा के मेंबर कहलाते है।

इसी ग्राम सभा के सदस्य के मतदान के द्वारा पंचायत प्रतिनिधि / प्रधान /मुखिया का चुनाव किया जाता है।

कहीं मुखिया और वार्ड मेंबर / वार्ड सदस्य का चुनाव एक साथ ही करवाया जाता है। जिसके लिए ग्राम सभा के सदस्य मतदान करते हैं।

MUKHIYA ka chunaw मुखिया चुनाव के लिए आवश्यक योग्यता।

  1. जिस पंचायत के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं वहाँ के ग्राम सभा का मेंबर होना जरुरी है। अर्थात उनका नाम पंचायत के वोटर लिस्ट में नाम होना चाहिए।
  2. सामान्य कोटि के लिए आय प्रमाण पत्र ,निवास प्रमाण पत्र , तथा सामान्य कोटि को छोड़ कर ,जाति प्रमाण पत्र ,आय प्रमाण पत्र ,निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए।
  3. आवेदक मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए।
  4. दिवालिया घोषित नहीं हो।
  5. कानूनी कार्यवाई में ना हो।

जिस जगह आरक्षण लागू होगा वहाँ उसी कोटि के महिला या परुष ही पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं। अगर महिला आरक्षित सीट होगा तो वहाँ महिला ही चुनाव लड़ सकती है।

मुखिया को अपने प्रस्तावक के साथ चुनाव लड़ना होता है ,12 सदस्य प्रस्तावक में आरक्षण का पालन होना चाहिए। कोरम पूरा करने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत का होना चाहिए।

पंचायत में मुखिया का क्या कार्य होता है। | mukhiya ka kya kary hota hai ?

गाँव में होने वाले सभी कामों की निगरानी और वर्तमान में चल रहे कामों की समीक्षा मुखिया के द्वारा किया जा सकता है। ग्राम सभा में जिन मुद्दों उठाया जाता है उसे सरकार तक पहुँचाना। जितने भी सरकार के द्वारा योजना होता है उसको लागु करवाने में मदद करना। मुखिया के द्वारा स्वयं कोई कार्य नहीं किया जाता है। किसी भी कार्य को करने के लिए पंचायत बैठक में निर्णय लिया जाता है। जिनमें कोरम का पूरा होना आवश्यक है।

मुखियाँ के द्वारा पंचायत में लगभग 29 तरह के कार्यों को किया जाता है।

  • कृषि ,एवं कृषि विस्तार
  • पशुपालन एवं दूध उत्पांदन उद्योग
  • मछली पालन
  • ग्रामीण गृह निर्माण
  • जन्म-मृत्यु का लेखा रखना
  • पेयजल व्यवस्था
  • सड़क ,भवन, पल पुलिया
  • उद्योग-धंधों और व्यवसायों की समीक्षा करना
  • महिला एवं बल विकास
  • बीमारियों की रोकथाम करना
  • दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट और कब्रिस्तान में चाहरदीवारी का निर्माण करवाना
  • गरीबी उन्मूलन इत्यादि कामों करवाया जाता है।

कार्यों के समय सम्पन होने के लिए कार्यों को 6 समितयों में बाँट दिया जाता है।

  1. योजना ,समन्वय वित्त समिति।
  2. सामाजिक न्याय समिति।
  3. उत्पादन समिति
  4. शिक्षा समिति
  5. लोक स्वास्थ ,परिवार कल्याण तथा ग्रामीण स्वछता समिति
  6. लोक निर्माण समिति।

मुखिया एक नियंत्रक के रूप में काम करता है।

  • ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठक करवाना तथा उसकी अध्यक्षता करना।
  • बैठक में अनुशासन कायम रखना।
  • एक वर्ष में कम से कम 4 बैठक करवाना।
  • ग्राम प्रशासन की देख रेख करना।

ग्राम पंचायत कार्यालय में ग्राम सचिव के साथ सरकार द्वारा निर्धारित योजना को आगे बढ़ाना।

मुखिया को फंड कहाँ से आता है।

ग्रामीण विकास विभाग तथा केंद्र सरकार के द्वारा योजना के मद में पंचायत के खाते पर सरकारी फंड भेजा जाता है। बहुत सारे योजना में राज्य सरकार खुद फंड भेजती है। तथा किसी -किसी में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार दोनों प्रतिशत के अनुसार फंड भेजती है। वैसे मुखिया के पास दो बैंक खाता होता है। एक उनका अपना खाता तथा एक वितीय खाता जिसमें सरकारी फंड आता है।

साराँश

दोस्तों उम्मीद है आप सभी को ये जानकारी पसंद आयी होगी। स्कॉलरशिप ,नौकरी ,खेती – बाड़ी ,बिज़नेस आईडिया की जानकारी के लिए आप हमारे साथ बने रहें।

whatsapp groupClick here
TelegramClick here
facebook pageClick here
pinterestClick here
Home pageclick here

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *