बिहार सरकार बिहार के मछली पालन से जुड़े लोगों समुदायों के उत्थान के लिए नई नई योजना लाती है कई बार इनकी योजना फुट की होती है या केंद्र सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हो योजना में सहभागी बनकर योजना को मछली पालन किसानों तक पहुंचाते हैं योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के लिए मत्स्यजीवी सहकारी समिति काम में आते हैं आइए जाने मत्स्यजीवी सहकारी समिति के बारे में
मत्स्यजीवी सहयोग समिति क्या है?
बिहार सरकार और केंद्र सरकार के योजनाओं को सही तरीके से मछली किसानों तक पहुंचाने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा सहकारिता अधिनियम 1935 के तहत प्रखंड स्तर पर मत्स्य जीवी सहयोग समिति का गठन किया जाता है।
मत्स्यजीवी सहयोग समिति में कौन-कौन से सदस्य होते हैं
मत्स्य जीवी सहयोग समिति में मंत्री/ सचिव तथा बोर्ड प्रबंध कारिणी सदस्य होते हैं बोर्ड के अध्यक्ष को मंत्री /सचिव कहा जाता है।
मत्स्यजीवी सहयोग समिति कैसे काम करते हैं
मत्स्य विभाग विभाग द्वारा सरकारी तालाब में मछली पालन के लिए बंदोबस्ती में मत्स्य जीवी सहयोग समितिसमिति को प्राथमिकता दिया जाता है एक प्रखंड के अंदर जितने भी सरकारी तालाब होते हैं उनमें मछली पालन के लिए सरकार के द्वारा मत्स्यजीवी सहकारी समिति को अनुमति दिया जाता है जिसके लिए मत्स्यजीवी सहकारी समितियां के द्वारा सरकार को टैक्स के तौर पर राशि जमा करनी होती है यह राशि सरकार के द्वारा तय किया जाता है समिति के सदस्य अपने सदस्य द्वारा जमा राशि तथा सरकार से अनुदान की राशि प्राप्त से तालाब में मछली पालन करते हैं जिसका लाभ समिति अपने सदस्यों के बीच बांटा जाता है
सरकार के द्वारा मत्स्यजीवी समितियों को सहायता
सरकार के द्वारा समय-समय पर नए-नए योजनाएं लाये जाते हैं जिसके द्वारा मस्त्यजीवी समिति को निम्न सहायता उपलब्ध कराया जाता है।
- समितियों को बहुत ही कम कीमत पर बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाता है
- विपणन केंद्र का निर्माण कराना
- हेचरी का निर्माण कराना
- नए तालाबों का निर्माण कराना
- मछली का बीज सुलभता से उपलब्ध कराना
- मछली पालन की जानकारी के लिए बाहरी ट्रेनिंग संस्थान से फ्री ट्रेनिंग करवाना,इत्यादि
मत्स्यजीवी सहकारी समिति के सदस्य कैसे बने?
मत्स्य जीवी सहयोग समिति के सदस्य बनने के लिए आवेदक को ₹1 आवेदन शुल्क तथा ₹10 शेयर शुल्क जमा करके सदस्य बन सकते हैं आवेदक के द्वारा सदस्य बनने के लिए प्रपत्र पांच फॉर्म को भरा जाता है जिस पर आवेदक अपनी सारी जानकारी को भरकर तथा पूर्व से बने सदस्यों के अनुसंशा (हस्ताक्षर ) करके जमा करना होता है। जिसमे समिति के नियम और कायदे की जानकरी पढ़ कर घोषणा करना होता है।
मत्सयजीवी सहकारी समिति में सदस्य बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज।
मत्सयजीवी सहयोग समिति में सदस्य बनने के लिए निन्म दस्तावेजों की आवश्यकता है।
- रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- आवासीय प्रमाण पत्र
- बैंक खाता सँख्या
- बैंक ifsc कोड
- मोबाइल नंबर
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
सबसे पहले आपको सहकारिता विभाग के ऑफिसियल वेबसाइट पर जायें टाइप करें www.cooperative.com या http://epacs.bih.nic.in/ लिंक टाइप करें। वेबसाइट खुलने पर (किसान कॉनर ) पर क्लिक करें। इसके बाद “मत्स्यजीवी सहकारी समिति में सदस्य हेतु ऑनलाइन आवेदन” पर क्लिक करें।
इसके बाद एक नया विंडो खुलेगा। दिए गए विवरणी को ध्यान से पढ़ने के बाद बॉक्स में टिक करते हुए सबमिट बटन पर क्लिक करें।
- आप का चाल-चलन अच्छा हो
- आपके द्वारा मछली मारने का काम किया जाता हो
- आपके पास तस्वीर का स्कैन कॉपी 50 KB और हस्ताक्षर 20 KB, JPG प्रारूप में होना आवश्यक हैं !
- आपके पास आधार कार्ड होना आवश्यक हैं
- आपके पास आवासीय प्रमाण पत्र / आधार कार्ड का स्कैन कॉपी 400 KB से कम और पीडीएफ (PDF) प्रारूप में होना आवश्यक हैं
- आपकी आयु 18 वर्ष पूरी हो चुकी हो
- आप किसी निबंधित मत्स्यजीवी सहकारी समिति अथवा समान उदेश्य वाली किसी सहकारी समिति के सदस्य नही है
- आप संबधित प्रखंड के कार्यक्षेत्र मे निवास करते हो
- आपकी मानसिक अवस्था स्वस्थ् हो तथा आपके द्वारा दिवालिया होने के लिए आवेदन नही दिया हो अथवा अप्रमाणित दिवालिया नही हो
- आपको राजनीतिक अपराध छोड़कर किसी दूसरे अपराध के लिए सजा नहीं हुई हो ! यह अयोग्यता सजा की समाप्ति से 5 वर्ष के बाद लागू नहीं होगी
- आप 1 रुपया सदस्यता शुल्क एवं कम से कम 10 रूपये का एक शेयर की राशि जमा करने को तैयार हैं
मत्स्य जीवी सहकारी समिति के सदस्य बनने से क्या लाभ है।
- किसी भी प्रकार की सहायता के लिए मत्स्य जीवी सहकारी समिति का सदस्य होना जरुरी है।
- सदस्यों को मछली पालन सम्बंधित जानकारी फ्री में उपलब्ध कराया जाता है।
- सरकारी अनुदान पर मछली पालन के लिए मछली बीज उपलब्ध कराया जाता है।
- मछली पालन के लिए सरकार के द्वारा तालाब का निर्माण पर अनुदान दिया जाता है।
- पानी की कमी को पूरा करने के लिए पम्पसेट उपलब्ध कराया जाता है।
- मछली कल्चर ,हैचरी के निर्माण के लिए ट्रेनिंग दिया जाता है।
- मछली किसानों को KCC ऋण बैंक के द्वारा दिया जाता है।
नोट :- विशेष जानकारी के लिए ऑफिसियल वेबसाइट पर दिए गए दिशा निर्देश को अवश्य पढ़ें।
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