PM गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान kya hai, पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान योजना की शुरुआत 13/10/ 2021 को की गई है इस योजना में सवा लाख करोड़ रुपए की बजट के साथ रेल और सड़क परिवहन मंत्रालय के अलावे 16 अन्य मंत्रालय को डिजिटल ही रूप से एक दूसरे के साथ जोड़ा जाएगा योजना की शुरुआत में अभी 16 मंत्रालयों को जोड़ने का काम चल रहा है जिनके जिम्में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम होता है जब सभी 16 मंत्रालय के अंदर चलने वाले कामों को एक दूसरे के साथ साझा किया जाएगा तो देश की तरक्की और विकास में तेजी आएगी।
कई बार ऐसी समस्या आ जाती थी जैसे जो स्कीम केंद्र सरकार चलाती थी उसकी जानकारी और उसका डाटा राज्य सरकार के पास नहीं होता था और विभागों में आपसी तालमेल बहुत कम था इस वजह से सरकार के बहुत सारे काम प्रोजेक्ट बेवजह अटके पड़े रहते थे क्योंकि एक विभाग को दूसरे विभाग तक उस काम को भेजने में बहुत ज्यादा टाइम और अनावश्यक खर्च लग जाता था।
जैसे उदाहरण के तौर पर अगर किसी सड़क का निर्माण किया जाना है और केंद्र सरकार के द्वारा गैस पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है लेकिन सड़क विभाग को गैस पाईप लाइन विभाग के काम के बारे में पता नहीं होने के कारण और गैस विभाग को सड़क विभाग के काम के बारे में पता नहीं होने के कारण सड़क विभाग सड़क बनाकर आगे बढ़ जाते थे और गैस पाईप लाईन विभाग फिर से सड़क को खोदकर गैस पाइपलाइन बिछाते थे जिसके कारण आम जनता को अनावश्यक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता था सरकार के वित्त पर भी अनावश्यक रूप से खर्च बढ़ जाता है एक समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यह सारी परेशानियां आम जनता को झेलना पड़ता है
अगर दोनों डिपार्टमेंट एक दूसरे के साथ तालमेल बनाकर उसी काम को करें तो काम सही समय पर सही तरीके से संपन्न हो जाएंगे और आम जनता को परेशानियां नहीं झेलनी पड़ेगी जिससे सरकार के खजाने पर बोझ कम पड़ेगा।
इस एक दूसरे उदाहरण के तौर पर भी समझा जा सकता है चाइना से आने वाले सामानों की कीमत कम होती है जबकि हमारे देश में बने वाले प्रोडक्ट की कीमत थोड़ी ज्यादा होती है इसका मुख्य वजह चाइना में प्रोडक्शन से लेकर मार्केटिंग तक एक चैन बना हुआ है जिसके कारण लागत मूल्य बहुत कम हो जाता है।
बहुत बार ऐसे हालात हो जाते हैं कोई बड़ी कंपनियाँ अपना उत्पादन करती हैं किसी उत्पाद की लागत ₹1 है और समुचित परिवहन व्यवस्था नहीं होने के कारण उसे मार्केट तक पहुंचाने में ₹ 3 से 4 रुपए का खर्च अनावश्यक रूप से वाहन करना पड़ता है जिस कारण से उस उत्पाद की लागत मूल्य ₹5 पर हो जाते हैं और वह महंगा हो जाता है।
अगर एक समुचित व्यवस्था फैक्ट्री से लेकर मार्केट तक बन जाए तो लोगों को वही उत्पाद आसानी से कम मूल्य पर मिलने लगेंगे जिसकी वजह से फैक्ट्री के लिए कच्चे सामान औरग ग्राहकों को बने हुए सामान खरीदारी करने में आसानी होगी।
इसी तरह कई बार कोयला खदानों के पास कोयला निकाला तो जाता है उसके धुलाई के लिए समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बहुत सारी परेशानियां आते हैं कोयला खदानों तक रेल मार्गों का नहीं होने पहुंचने के कारण कोयला के लोडिंग अनलोडिंग में अनावश्यक रूप से बहुत सारे खर्च आते हैं आज देश में देश की कुल जीडीपी के 13% खर्च के लगभग सिर्फ परिवहन में और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के कारण खर्च हो जाता है, इन्हीं सब कारणों से पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान योजना की शुरुआत की गई है
जिसके अंदर सारे राज्य जुड़कर अपने अपने राज्यों में होने वाले ऐसे काम जिन पर राज सरकार और केंद्र सरकार दोनों काम करते हैं उसको एक साथ एक इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म पर साझा करेंगे जिसके कारण कोई भी प्रोजेक्ट कोई भी योजना को पूरा करने में बहुत कम समय लगेगा आने वाले दिनों में या देश के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा।
आइए जाने पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान का लक्ष्य
जब कोई राज सरकार अपने यहां किसी बड़े इन्वेस्टर को बुलाएगी तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों उसके लिए एक सिंगल विंडो प्लेटफार्म उपलब्ध कराएंगे जिसके कारण इंडस्ट्री स्थापित करने में आसानी होगी।
इस योजना के तहत कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए नेशनल हाईवे का 200000 किलोमीटर का इंटीग्रेटेड नेटवर्क बनाने की योजना है
रेलवे से व्यापार को मजबूती मिले जिसके लिए 16 मिलियन टन कार्गो हैंडलिंग पर काम किया जाएगा।
इंडस्ट्री की स्थापना के लिए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापना की जाएगी जोकि 25 100 एकड़ के क्षेत्र में बनेंगे।
रक्षा क्षेत्र में मजबूती के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए का रक्षा क्षेत्र में उत्पादन पर खर्च किया जाएगा।
देशभर में कुल 38 इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाए जाएंगे।
इस योजना के तहत सरकार आने वाले सालों में 200 से जायदा नए एयरपोर्ट हेलीपैड और वाटर एयरडोम बनाने का लक्ष्य है।