how to funding startups in hindi

स्टार्टअप फंडिंग के 10 सबसे आसान उपाय। how to funding startups in hindi.

startup ke liye funding kaise kare. अगर आप एक स्टार्टअप हैं या स्टार्टअप शुरू करना चाह रहे हैं तो उम्मीद है की आपको सबसे ज्यादा एक भी चीज की परेशानी होगी। वो है स्टार्टअप के लिए फण्ड जुटाना ,कितना भी बेहतरीन आईडिया क्यों न हो बिना फण्ड के शुरू नहीं हो सकता है। इस तरह की परेशानी खास कर ज्यादा वैसे स्टार्टअप को होता है जिनके पास अधिक फण्ड या बैकअप कैपिटल नहीं होता है। तो क्या ऐसे में स्टार्टअप का शुरू करने का सपना छोड़ देना चाहिए।

मेरे दोस्तों जब आप किसी भी काम को पूरी तरह से समर्पित हो करते हैं देर सवेर आपका काम पूरा होता है उस काम को करने के लिए भले कितने जुगाड़ और रास्ते अपनाने पड़े।

आज हम आपको स्टार्टअप के लिए फण्ड कैसे जुटायें ,statup ke liy fund kaise payen ,स्टार्टअप के लिए फण्ड कहाँ से मिलेगा, कैसे मिलेगा ,यदि आप ये सोच रहे हैं तो निश्चिन्त रहे। आपको इस आर्टिकल में पूरी जानकरी दी जायेगी। best way to fund your startup in hindi,how to get funding for startup

स्टार्टअप के लिए फण्ड जुटाने के तरीके | sources of funding for startups in india

दोस्तों स्टार्टअप के लिए फण्ड जुटाने के लिए कई तरीकें हैं आइये जानते हैं किन किन तरीकों से आप स्टार्टअप के लिए फंड जुटा सकते हैं।

  • सेल्फ-फाइनेंसिंग/बूटस्ट्रैपिंग Bootstrapping
  • Crowdfunding
  • सीड फ़ंडिंग Seed Funding द्वारा
  • Startup Incubators/startup Accelerator
  • Startup India Seed Fund Scheme (SISFS)
  • Bank Loan और NBFCs, MFIs
  • पीयर-टू-पीयर लेंडिंग Peer-to-Peer Lending
  • Pitching Competitions
  • Angel Investors
  • VC Firms

#1 सेल्फ-फाइनेंसिंग/बूटस्ट्रैपिंग Bootstrapping for funding startup

सेल्फ-फाइनेंसिंग/बूटस्ट्रैपिंग Bootstrapping का मतलब होता है अपने स्टार्टअप के लिए खुद से फण्ड की व्यवस्था करना और स्टार्टअप शुरू करना। Bootstrapping से स्टार्टअप शुरू करने वाले अधिकांश लोग टेक्निकल बैकग्राउंड से होते है अधिकांश के पास कई सालों का एक्सपेरिएंस होता है। ये पहले किसी ना किसी टेक्निकल कंपनी में काम चुके होते हैं। जिसकी वजह से उन्हें स्टार्टअप की बेसिक जानकारी होती है। इनके co-founder अलग -अलग फील्ड में एक्सपर्ट होते हैं इसीलिए इन्हें स्टार्टअप शुरू करने में आसानी होती है। आज भारत में बहुत सारे ऐसे स्टार्टअप हैं जिन्होंने Bootstrapping के जरिये अपने स्टार्टअप को एक यूनिकॉर्न कंपनी में तब्दील कर दिया जैसे zoho ,zerodha ,freshwork इत्यादि कम्पनियाँ हैं।

Bootstrapping में फण्ड कैसे मैनेज करें।

Bootstrapping में भी आपको फण्ड की आवश्यकता होती है और मैनेज करने की जरुरत भी होती है। इसके लिए आप टीम मेंबर से स्टार्टअप में फण्ड लगाने के लिए बोल सकते हैं सभी टीम मेंबर एक निश्चित राशि स्टार्टअप में लगाएंगे। सभी टीम मेंबर अपने दिए गए राशि का बॉन्ड कंपनी के नाम से बना कर इन्वेस्ट कर सकते हैं।

Bootstrapping के फायदें

Bootstrapping के मदद से स्टार्टअप को बनाने से फाउंडर को किसी अन्य इन्वेस्टर के साथ अपना इक्विटी शेयर नहीं करना पड़ता है। किसी भी प्रकार का बाहरी दवाब नहीं होता है। जिसकी वजह से ये धीरे -धीरे अपने स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाते हैं और कम कर्मचारियों के साथ काम करते हैं। इनके स्टार्टअप में कम खर्च आता है। कंपनी पर किसी भी प्रकार की देनदारी नहीं होती है। आप अपनी क्षमता के अनुसार लोकल मार्केट ,दोस्त ,परिवार से कम ब्याज दर पर कर्ज ले सकते हैं।

Bootstrapping के नुकसान।

Bootstrapping स्टार्टअप का सबसे बड़ा नुकसान यह है की आपके पास पैसों की कमी होती है। जिसकी वजह से आपके स्टार्टअप का ग्रोथ बहुत स्लो होता है। कई बार आपका प्रोजेक्ट पैसों की कमी से लेट भी हो जाता है।

मार्केटिंग खर्च तथा अन्य खर्च के लिए आपके पैसे नहीं होते हैं जिसकी वजह से लोगों के बिच आपके स्टार्टअप का प्रचार कम होता है। सभी स्टार्टअप के पास टेक्निकल जानकारी और पैसे नहीं होते हैं इसीलिए उन्हें बूटस्ट्रैपिंग पर ज्यादा फोकस नहीं करना चाहिए।

#2 Crowdfunding funding startup

दोस्तों Crowdfunding के जरिये भी आप अपने स्टार्टअप को शुरू कर सकते हैं। Crowdfunding का सीधा सा मतलब होता है भीड़ से पैसे जुटाना ,जैसे मदारी ,या रोड साइड करतब दिखाने वाले की कमाई का जरिया भीड़ है इसी तरह बहुत सारे छोटे इन्वेस्टर होते है जो आपके स्टार्टअप में छोटे अमाउंट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं। इन छोटे -छोटे फण्ड से आप अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं।

स्टार्टअप के लिए Crowdfunding कैसे लें।

अगर आप अपने स्टार्टअप के Crowdfunding लेने को सोच रहे हैं, इसके लिए आप अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा बहुत सारे Crowdfunding प्लेटफार्म ,वेबसाइट उपलब्ध है। भारत के प्रमुख क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म में केटो, विशबेरी, इंडिगोगो, मिलाप, किकस्टार्टर, कैटापूल्ट, फंडेबल, फ्यूलएड्रीम है। हालाँकि इन सभी वेबसाइट पर आपको अपने स्टार्टअप बिज़नेस से रिलेटेड बिज़नेस प्लान ,स्टार्टअप का उदेश्य ,आप फण्ड का इस्तेमाल कैसे करेंगे। ये सभी जानकरी आपको देनी होगी। जिस भी इन्वेस्टर को आपका स्टार्टअप बिज़नेस प्लान पसंद आयेगा वे इन्वेस्ट करेंगे।

Crowdfunding startup benefits

Crowdfunding से भी आप अपने स्टार्टअप के लिए फण्ड जुटा सकते हैं ,इसमें आपको किसी भी इन्वेस्टर को इक्विटी देने की जरुरत नहीं होती है। छोटे स्टार्टअप के लिए Crowdfunding बहुत ही बढियाँ सोर्स है। आप अपने स्टार्टअप के खुद मालिक होते हैं। यदि आपका स्टार्टअप को प्रोडक्ट बेस्ड है तो आपने प्रोडक्ट पर इन्वेस्टर को छूट दे सकते हैं।

#3 सीड फ़ंडिंग Seed Funding द्वारा

सीड फंडिंग का मतलब होता है आपके स्टार्टअप शुरू करने के लिए लगने वाला सबसे छोटा पूंजी / फण्ड का होना। जब आप किसी स्टार्टअप को शुरू करना चाहते हैं और उसे चालू करने में जो सबसे कम खर्चा आता है। यही वो सबसे छोटा फण्ड होता है जो आपके स्टार्टअप को शुरू करता है। बहुत सारे कॉलेज ,स्टेट गवर्नमेंट स्टार्टअप प्रोग्राम चलाते हैं जहाँ सिर्फ आपके आईडिया पर आपको स्टार्टअप शुरू करने के लिए 10 लाख रूपये फण्ड दिया जाता है। अधिकांश सीड फण्ड करने वाले आपके दोस्त ,रिस्तेदार या कोई अनजान व्यक्ति होता है जिसे सिर्फ आपके आईडिया पर भरोसा होता है। हालांकि आपको इनके साथ स्टार्टअप का इक्विटी का छोटा हिस्सा शेयर करना पड़ता है।

Seed Funding benefits

बहुत सारे स्टार्टअप के लिए सीड फंडिंग का मिलना ही बहुत बड़ी बात होती है। इसी की मदद से स्टार्टअप शुरू होता है। स्टार्टअप फाउंडर अपने प्रोडक्ट का प्रोटोटाइप और MVP तैयार कर पाते हैं। जिसकी मदद से स्टार्टअप दूसरे इन्वेस्टर से फण्ड प्राप्त कर पाते हैं।

#4 Startup Incubators/startup Accelerator

भारत में बहुत सारे Startup Incubators के लिए कॉलेज और संस्थान जैसे IIT ,आईआईएम तथा अन्य प्राइवेट और सरकार से मान्यताप्राप्त संस्थान होते हैं। इन सस्थानों में इन्क्यूबेशन सेंटर होते हैं जहाँ आपके स्टार्टअप के लिए उपयोग होने वाले सभी बेसिक फैसिलिटी उपलब्ध होते हैं। स्टार्टअप को आईडिया स्टेज से लेकर रियलिटी में बदलने के लिए आपको मेंटर्स उपलब्ध कराये जाते हैं। यहाँ आपको बहुत सारे स्टार्टअप फाउंडर से मिलने और उन से नेटवर्किंग करने का मौका मिलता है।

startup Accelerator प्रोग्राम के जरिये आपको स्टार्टअप बिज़नेस से रिलेटेड तमाम बेसिक जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी। आगे चल कर स्टार्टअप को कैसे आगे बढ़ाना है। इसकी पूरी जानकारी दी जाती है। जब आपका स्टार्टअप सीड फंडिंग से शुरू हो जाता है। उसके बाद स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए startup Accelerator इन्वेस्टर की जरूरत पड़ती है। इन्हें आप सेकंड लेवल के इन्वेस्टर कह सकते हैं।

Startup Incubators/startup Accelerator benefits

स्टार्टअप को आईडिया स्टेज से लेकर MVP स्टेज तक ले जाने के लिए Startup Incubators का बहुत योगदान होता है। स्टार्टअप के टेक्निकल और फाइनेंसियल की सभी जानकारी दी जाती है। यह स्टार्टअप का यह स्टेज बहुत ही जोखिम भरा होता है। इसीलिए यहाँ पर स्टार्टअप को भविष्य में कैसे खुद को तैयार करना इसकी पूरी जानकरी दी जाती है।

#5 Startup India Seed Fund Scheme (SISFS)

भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप के ग्रोथ के लिए बहुत सारे स्कीम चलाये जा रहे हैं। स्टार्टअप के हरके स्टेज के लिए अगल -अलग योजना जारी किया गया है। वैसे स्टार्टअप जो अभी शुरू हुआ है। उसके लिए Seed Fund Scheme (SISFS) चलाया जा रहा है। इसके लिए आपका स्टार्टअप Proof of Concept, or prototype development, or product trials में होना चाहिए।

इसके अलावा स्टार्टअप को 2 साल से अधिक समय से पहले रेजिस्ट्रेड नहीं होना चाहिए। आपका स्टार्टअप private Limited Company or Registered Partnership Firm (Pvt ) or Limited Liability Partnership (LLP) में रेजिस्ट्रेड होना चाहिए।

Startup India Seed Fund Scheme (SISFS) benefits

आइये जानते हैं Startup India Seed Fund Scheme (SISFS) के बेनिफिट्स के बारे में। इस स्कीम को भारत सरकार द्वारा पूरी तरह स्टार्टअप के लिए बनाया गया है। यदि आपका स्टार्टअप इस स्कीम के जरिये सेलेक्ट हो जाता है।

आपके स्टार्टअप को Proof of Concept, or prototype development, or product trials लिए 20 लाख रूपये दिए जाते हैं। एक बार प्रोडक्ट बन कर तैयार हो जाने पर प्रोडक्ट के मार्केटिंग और commercialization के लिए 50 लाख की राशि दी जाती है।

#6 Bank Loan और NBFCs, MFIs

सीड फंडिंग के बाद अगर स्टार्टअप के लिए फण्ड प्राप्त करने की पहली प्राथमिकता बैंको द्वारा दिय जाने वाला लोन है। स्टार्टअप के लिए बैंक से लोन लेना आसान होता है। चूँकि स्टार्टअप अपने नजदीक के किसी भी बैंक से लोन ले सकते हैं ये उनके लिए अधिक सुविधाजनक और विश्वसनीय होता है। बैंको के द्वारा स्टार्टअप को कम ब्याज पर लोन दिया जाता है। अलग -अलग बैंको में का ब्याज दर थोड़ा बहुत चेंज हो सकता हैं। इसके अलावा अन्य माइक्रो फाइनेन्स हाउस या वाणिज्यिक बैंकों के जरिये भी आप लोन के लिए अप्लाई सकते हैं। इन Micro Finance Institution (MFIs)  बैंको दे द्वारा आपको बिना किसी सम्पति को गिरवी रखे और बिना किसी क्रेडिट स्कोर के भी आप स्टार्टअप के लिए बिज़नेस लोन ले सकते हैं।

Bank Loan /NBFCs, MFIs से स्टार्टअप लोन के बेनिफिट्स

  • Bank Loan /NBFCs, MFIs बैंको में स्टार्टअप के लिए अलग से लोन देने की सुविधा है।
  • ये बैंक आपके नजदीक होते हैं इसिलिय किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती है।
  • लोन लेने के लिए कोई वस्तु गिरवी नहीं रखना पड़ता है।
  • बिना किसी क्रेडिट स्कोर के आप लोन ले सकते हैं।

#7 पीयर-टू-पीयर लेंडिंग Peer-to-Peer Lending

कई बार ऐसा होता है किसी कारणवश आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं होता है तब अधिकांश बैंक आपको लोन देने से मना करते हैं या आनाकानी करते हैं आपको जल्दी लोन नहीं मिलता है. लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है। आप पीयर-टू-पीयर लेंडिंग (Peer to Peer Lending) के जरिये भी अपने स्टार्टअप के बिज़नेस को बढ़ाने के लिए लोन ले सकते हैं। इसे आम भाषा में P2P भी कहा जाता है। ये भी RBI गाइडलाइन्स के अनुसार ही कम करते हैं हालांकि जो इन्वेस्टर आप में निवेश करते हैं। उन्हें अधिक ब्याज मिलता है। स्टार्टअप को यह राशि लोन पर दिया जाता है।

#8 Pitching Competitions से स्टार्टअप

आइये जानते स्टार्टअप के लिए फण्ड जुटाने के सबसे अलग तरीके के बारे में। आप अपने स्टार्टअप के लिए Pitching Competitions में भाग लेकर स्टार्टअप के लिए फण्ड जुटा सकते हैं। दुनियाँ के कई देशों में शार्क टैंक जैसे प्रोग्राम आयोजित किये जाते हैं. भारत में भी बहुत शार्क टैंक इंडिया प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं। आप अपने स्टार्टअप की फंडिंग के लिए यहाँ अप्लाई कर सकते हैं। यहाँ आपको अपने स्टार्टअप की जानकारी ,बिज़नेस आईडिया ,स्टार्टअप से इनकम ,की जानकारी देनी होगी। यदि आपका आईडिया शार्क टैंक वालों को पसंद आया तब वे आपके स्टार्टअप में पैसे इन्वेस्ट करेंगे। आपको अपने स्टार्टअप बिज़नेस का इक्विटी भी शेयर करना होगा। इसके अलावा आपको बिज़नेस में गाइड भी करेंगे।

Pitching Competitions benefits

शार्क टैंक जैसे प्लेटफार्म पर अगर Pitching करते हैं तो आपके बेहतरीन आईडिया को फंडिंग मिलता है। यदि किसी कारणवश फंडिंग मिलता है। तब भी लोगों को आपके प्रोडक्ट प्रोडक्ट की जानकारी हो जाती है। आपको अपने प्रोडक्ट के लिए अलग से मार्केटिंग करने की जरूरत नहीं होती है। अगर लोगों को आपका स्टार्टअप अच्छा लगा तो बहुत सारे लोग आपसे खुद कॉन्टेक्ट करने लगेंगे। कई बार ऐसा हुआ है। अगर किसी स्टार्टअप को फंडिंग नहीं मिला फिर भी प्रोडक्ट लोगों को बहुत पसंद आते हैं लोग प्रोडक्ट खरीदने के लिए देने लगते हैं। इस तरह से फ्री का मार्केटिंग और ब्रांडिंग दोनों हो जाता है।

#9 Angel Investors funding in startup in hindi.

एंजेल इन्वेस्टर वैसे इन्वेस्टरों होते हैं जो आपके स्टार्टअप के शुरुवात के समय में इन्वेस्ट कर आपके स्टार्टअप के ग्रोथ में मदद करते हैं। ऐसे इन्वेस्टर स्टार्टअप के लिए बहुत जरुरी होते हैं। इसीलिए लोग इन्हे Angle यानि की भगवान का दूत भी कहते हैं। क्योंकि स्टार्टअप को शुरुवाती समय में फण्ड की बहुत जरुरत होती है। ये इन्वेस्टर आपके स्टार्टअप में फण्ड के बदले कुछ इक्विटी भी लेते हैं। ऐसे इन्वेस्टर हमेशा के लिए आपके साथ नहीं रहते हैं। यदि एक बार आपका स्टार्टअप अच्छा ग्रोथ करने लगता है। तब ये आपके स्टार्टअप से एग्जिट हो जाते हैं। बदले में इनके इन्वेस्टमेंट अधिक कमाई हो जाती है। फिर अगले किसी स्टार्टअप को तलाश करते हैं। इनका काम है सही स्टार्टअप को बढ़ने में मदद करना। एंजेल इन्वेस्टर से फंडिंग पाने के लिए आपको इन्वेस्टर के पास एक शानदार पिच देना होता है। जितना ज्यादा और क्लियर आप अपने स्टार्टअप के बारे में जानकारी देंगे। उतना ज्यादा चांस है आपको फंडिंग मिलने की।

भारत में बहुत सारे एंजेल इन्वेस्टर हैं जहाँ आप पिच दे सकते हैं Hyderabad Angels, Indian Angels Network, Mumbai Angels जैसे और भी बहुत सारे एंजेल इन्वेस्टर हैं।

#10 VC Firms investor for startup

जब आपका स्टार्टअप सही तरीके से चलने लगता है। लेकिन आप उसे बड़े ऊंचाई तक पहुँचाना चाहते हैं। इसके लिए आपको अधिक फण्ड की आवश्यकता होगी। ये फण्ड कई करोड़ों में हो सकती है। तब हमें Venture Capital की जरुरत होती है। इन्हें संक्षिप्त में VC Firms भी कहा जाता है। ये VC Firms बड़ी -बड़ी कम्पनियाँ होती है। जिनका काम स्टार्टअप में इन्वेस्ट करना और इक्विटी लेना होता है। ये आपके बिज़नेस की पूरी जानकरी रखते हैं। आप फंडिंग के लिए VC Firms के वेबसाइट से या स्टार्टअप इवेंट्स में अपना पिच देकर VC Firms को फंडिंग के लिए आकर्षित कर सकते हैं। शार्क टैंक इंडिया इसका अच्छा उदाहरण है।

VC Firms benefits स्टार्टअप

VC Firms आपके स्टार्टअप को तेजी से बिज़नेस फैलाने में मदद करते हैं। अधिक फण्ड होने पर आप अपने स्टार्टअप के लिए मार्केटिंग के सभी तरीके अपना सकते हैं। अधिक सँख्या में मैन पावर के अलावा टेक्निकल एडवांसमेंट भी कर सकते हैं। दूसरे देश में भी अपने स्टार्टअप को शुरू कर सकते हैं।

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सारांश

दोस्तों उम्मीद है आप लोगों को स्टार्टअप से जुड़ी ये जानकरी पसंद आयी होगी। इसी तरह के और आर्टिकल के लिए आप हम से जुड़ सकते हैं।

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