how to make startup pitch deck for funding

खुद का स्टार्टअप शुरू करने से पहले। फंडिंग के लिए पिच डेक तैयार कर लें। How to make startup pitch deck for funding.

How to make startup pitch deck for funding : अब स्टार्टअप को फंडिंग पाने में नहीं होगी परेशानी। यदि आप भी स्टार्टअप के लिए पिच डेक बनाने जा रहे हैं या जानकारी लेना चाहते हैं तो यहाँ आपको पूरी जानकारी मिलेगी।

किसी भी स्टार्टअप के बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए पिच डेक का होना बहुत महत्वपूर्ण है ऐसा मान लीजिये पिच डेक आपके स्टार्टअप का चाभी है ,जिसे स्टार्टअप के सारे दरवाजे खुलते हैं। Pitch Deck की सारी जानकारी उपलब्ध करने की कोशिश है आप से निवेदन हैं कृपया पूरा आर्टिकल जो जरूर पढ़ें।

startup pitch deck for funding :- आप में से बहुत से लोग जिन्होंने पहली बार स्टार्टअप की दुनिया में कदम रखा होगा। उनके लिए पिच डेक के बारे में जरूर सुना होगा। कोई भी इन्वेस्टर आप से बात करने से पहले आपका पिच डेक जरूर माँगते होंगे। अब आप में से बहुत सारे लोग सोच रहे होंगे , आखिर पिच डेक क्या होता है।

Startup Pitch Deck kya hai ?

जब हम किसी भी कंपनी में जॉब के लिए अप्लाई करते हैं तो हमें अपना रिज्यूमे देना होता है रिज्यूमे में आपकी शैक्षणिक योग्यता और आपकी स्किल/अनुभव की सभी जानकारी होती है ,जिसकी वजह से इंटरव्यू लेने वाले को आपकी सभी जानकारी के बारे पता चलता है ,जैसे आपने क्या पढ़ाई की है ,क्या एक्स्ट्रा स्किल है

इसी प्रकार जब हम किसी स्टार्टअप को शुरू करते हैं तो उस से जुड़ी सभी जानकारी संक्षिप्त में बताने के लिए पिच डेक बनाना होता है जिसमें आपकी स्टार्टअप से जुड़ी सभी जानकारी रहती है। जैसे आपका स्टार्टअप क्या करता है ,उसका विजन क्या है ,लोगों की किस प्रकार की समस्या को हल करेगा ,उसकी कमाई कैसे होगी ,लोगों को क्या बेफिट्स होगा ,मार्केट साइज क्या है ,मार्केट में आपके कॉम्पिटिटर कौन हैं।

इन सभी जानकारी को आपको प्रस्तुत करना होता है। आसान भाषा में आप इसे स्टार्टअप का रिज्यूमे भी कह सकते हैं। पिच डेक पावर पॉइंट पर्सेन्टेशन (PPT ) की मदद से भी बना सकते हैं।

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बेहतरीन पिच डेक कैसे बनाये ? eye catching pitch deck kaise banayen?

कोई भी स्टार्टअप फंडिंग के लिए सेलेक्ट होगा या नहीं उसमें से 90 % प्रतिशत से अधिक योगदान पिच डेक होता है। आप पिच डेक जितना ज्यादा eye catching और informative होगा। उतना ज्यादा सिलेक्शन की संभवना बढ़ जाती है। पहले पिच डेक बनाने के लिए PPT का अधिक उपयोग किया जाता था। परन्तु आज इंटरनेट पर ढेरों apps और प्लेटफार्म उपलब्ध है ,

जहाँ आपके स्टार्टअप केटेगरी के अनुसार रेडीमेड टेम्पलेट की भरमार है। इन टेम्पलेट में आपको सिर्फ अपने स्टार्टअप से जुड़ी जानकारियों को डालना होगा। और कुछ ही सेकंड में बेहतरीन पिच डेक बन के तैयार हो जायेगा।

Canva जैसे apps का बहुत उपयोग किया जा रहा है। लेकिन सबसे ध्यान रखने की बात यह है पिच डेक में जो भी जानकारी दी गई है। उसकी जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए। पिच डेक किसी ने तैयार किया है और इंटरव्यू में कोई और बैठा है।

अगर पिच डेक आपके किसी दोस्त ने बनाया है तो आपको पिच डेक की सभी जानकारी जरूर पढ़ लेना चाहिए। इसके अलावा आपको ऐसे सवालों के लिए भी तैयार रहना चाहिए। जो पिच डेक से अलग हो सकता है।

पिच डेक में क्या -क्या होना चाहिए। pitch deck me kya kya hona chahiye.

जैसा की आपको पहले ही बताया गया है की पिच डेक में सभी जानकारियों को स्टेप बाय स्टेप देना चाहिए। आइये जानते हैं एक पिच डेक में क्या -क्या होना चाहिए।

  • स्टार्टअप का इंट्रोडक्शन
  • मार्केट में बिजनेस प्रॉब्लम
  • बिज़नेस प्रॉब्लम का सलूशन आपके स्टार्टअप के द्वारा
  • स्टार्टअप बिज़नस Opportunity
  • स्टार्टअप के द्वारा सुझाया /बनाया गया प्रोडक्ट।
  • सेल्स ट्रैक्शन
  • स्टार्टअप कोर टीम
  • कॉम्पिटिशन और competitor analysis
  • financial expenses loss /profit & future
  • इन्वेस्टमेंट

स्टार्टअप का इंट्रोडक्शन

किसी स्टार्टअप में सही इंट्रोडक्शन का होना बहुत जरूर होता है। इसीलिए आपके पिच डेक में इंट्रोडक्शन ऐसा होना चाहिए। स्पष्ट,सटीक और इन्फोर्मटिव हो। जिसमें आपके स्टार्टअप की पूरी झलक एक बार में ही मिल जाय। पिच डेक में लिखा इंट्रोडक्शन आपको हमेशा याद होना चाहिए। इंट्रोडक्शन में आपका स्टार्टअप क्या है ,क्या करता है उसका मिशन ,उदेश्य लोगों को एक बार में ही समझ आ जाये।

स्टार्टअप इंट्रोडक्शन तैयार करते समय हमेशा एक बात का ख्याल रखें। इंट्रोडक्शन अधिक लम्बा नहीं होना चाहिए। जितना कम से कम शब्दों का उपयोग करेंगे। उतना ही बेहतरीन क्वालिटी वाला इंट्रोडक्श्न तैयार कर पाएंगे।

मार्केट में बिजनेस प्रॉब्लम

मार्केट में लोग किस तरह का प्रॉब्लम फेस कर रहे हैं और आप उस प्रॉब्लम पर क्या समाधान ले कर आयें हैं प्रॉब्लम कितनी बड़ी है कितने सँख्या में लोगों को परेशानी हो रही है। प्रॉब्लम किसी एक क्षेत्र के लिए है या पुरे देश के लिए इन सभी का डाटा आपको तैयार करना होगा। हरेक आदमी को नंबर के अलावा ग्राफ से ज्यादा समझ में आता है ,इसीलिए आप ग्राफ़िक और ग्राफ का जरूर इस्तेमाल करें।

बिज़नेस प्रॉब्लम का सलूशन आपके स्टार्टअप के द्वारा

जब आप अपनी स्लाइड में लोगो को होने वाले प्रॉब्लम से रूबरू करवायेंगे। उसके बाद अगले स्लाइड में आपको उसका समाधान भी बताना होगा। आपके स्टार्टअप के द्वारा ऐसा क्या किया जा रहे है ,जिससे लोगों की समस्या खत्म होगी वो भी बिना किसी परेशानी के ,आपका समाधान हमेशा सरल और सटीक होना चाहिए। प्रॉब्लम का सलूशन जितना सरल होता है इन्वेस्टर और लोगों को उतना ही पसंद आएगा।

स्टार्टअप बिज़नस Opportunity

जब आप मार्केट में लोगों को हो रही परेशानियों के साथ उसका सलूशन लेके आयेंगे तो अगले स्लाइड में आपको अपने स्टार्टअप बिज़नस Opportunity के बारे में इन्वेस्टर को समझाना होगा। आपका बिजनेस कैसे काम करेगा ,आपके बिजनेस का कितना ग्रोथ हो सकता है।

इस स्लाइड में आपको अधिक मेहनत करने की जरूरत होती है ,क्योकि इन्वेस्टर का दिमाग यहाँ ज्यादा काम करता है हरेक इन्वेस्टर अपने पैसे लगाने के बाद एक बेहतरीन रिजल्ट की उम्मीद करता है। आपको ग्राफ का इस्तेमाल करना चाहिए।

स्टार्टअप के द्वारा सुझाया /बनाया गया प्रोडक्ट।

मार्केट में हो रही समस्या के लिए आपके पास कौन सा प्रोडक्ट है ,उसका डिज़ाइन और उसे यूज करने का तरीका बहुत ही मायने रखता है ,अगर आपके पास बेहतरीन आईडिया है लेकिन आपके प्रोडक्ट लोगों और इन्वेस्टरों को अपने और आकर्षित नहीं कर पायें ,तो आपकी सारी मेहनत पर पानी फिर जायेगा। अगर आपका प्रोडक्ट मोबाइल ऍप पर आधारित है तो उसका यूजर इंटरफ़ेस ,UI /UX अच्छा होना चाहिए। इतना सरल हो की लोग उसको एक बार में ही यूज़ करना सीख़ जाये। आपके प्रोडक्ट में ऐसा क्या है जो दूसरों में नहीं है इन सभी बातों का आपको ध्यान रखना चाहिए।

स्टार्टअप सेल्स ट्रैक्शन

स्टार्टअप सेल्स ट्रैक्शन :- यदि आपका स्टार्टअप शुरू है आपके प्रोडक्ट मार्केट में लोगों के लिए उपलब्ध है और लोग उसे खरीद रहे ,आप स्टार्टअप बिजनेस में होने वाले सभी सेल्स की जानकारी किस तरह से रखते हैं आपने अभी तक बिजनेस से कितना मुनाफा कमाया ,कितना लॉस हुआ ,इन सभी की जानकारी के लिए आपको सेल्स ट्रैक्शन स्लाइड बनाना पड़ेगा। आप तिमाही ,छह महीने या साल भर का भी दिखा सकते हैं।

स्टार्टअप कोर टीम

जब अपने पिच डेक तैयार करते हैं तो एक स्लाइड में अपने स्टार्टअप के कोर टीम की जानकारी को अवश्य रखें। आपके टीम में कौन क्या करता है ये आपके स्टार्टअप के लिए अच्छा होता है। इसके अलावा इन्वेस्टर को आपके स्टार्टअप के पोटेंशियल का पता चलता है आप उनके experience की जानकारी शार्ट में दे सकते हैं ,यदि आपके टीम को कोई CTO के पद पर है तो आप उनके बारे जानकारी दे सकते हैं।

कॉम्पिटिशन और competitor analysis

कॉम्पिटिशन और competitor analysis :- किसी भी स्टार्टअप के लिए इन जानकारियों को जमा करना जैसे आधे जंग जितने के बराबर होता है। यही से आपको विपक्षी कंपनियों के कमियों को खोज कर अपने स्टार्टअप में नये फीचर डालने जैसा होता है। इस स्लाइड में आपको अपने स्टार्टअप से सम्बंधित या उसी तरह से का काम करने वाले कम्पनियों की जानकारी देना होता है। इसके अलावा आपको ये भी दर्शाना होता है आपका स्टार्टअप उन सभी से कैसे अलग है और क्या बेहतरीन फीचर आपके स्टार्टअप में उपलब्ध है।

जैसे Blinkit स्टार्टअप ने 10 मिनट में राशन का सामान उपलब्ध कराने के फीचर लाया था। जो किसी भी फ़ूड डिलीवरी कंपनी पहले में उपलब्ध नहीं था।

financial expenses loss /profit & future

आप इस स्लाइड को जरूरत पड़ने पर बना भी सकते हैं या नहीं भी। इसमें आप अपने स्टार्टअप के मार्केट प्रोजेक्शन,मैनपावर ,मार्केटिंग कॉस्ट ,भविष्य में आगे के बिजनेस में किस तरह से पैसे की आवश्यकता होगी। उसकी जानकारी देना होगा। मतलब भविष्य में आप किस तरह से अपने स्टार्टअप को Expand करना चाहते हैं।

इन्वेस्टमेंट

इन्वेस्टमेंट की स्लाइड पूरी तरह से इन्वेस्टर ध्यान में रख बनाया जाता है। जिससे आप इन्वेस्टर को अपने स्टार्टअप में इन्वेस्ट करने के लिए सोचने पर मजबूर कर सकते हैं। यहाँ आप जीतना ज्यादा मेहनत करेंगे। इन्वेस्टमेंट पाने का चांस उतना बढ़ जाता है। इस स्लाइड में आपको ये बताना होता है की आपको फंडिंग की क्यों जरूरत है।

फंडिंग के पैसे का इस्तेमाल कहाँ और कैसे करेंगे। मार्केटिंग ,ब्रांडिंग,प्रोडक्ट डिजाइनिंग इत्यादि में पैसों को कैसे इस्तेमाल करेंगे। साथ उस return कितना होने की उम्मीद हैं ,क्या अपने और भी कोई फंडिंग उठाया है तो उसकी भी जानकारी देना चाहिए। अपने कितना इक्विटी किसी दिया है।

स्टार्टअप पिच डेक बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें।

  • हमेशा सरल और सटीक शब्दों का उपयोग करें ,कम शब्दों में अपनी बातों को रखने कोशिश करें।
  • बेकार के डाटा को यूज नहीं करें। वे सिर्फ काम की मुद्दों पर बात करना पसंद करते हैं।
  • पिच डेक में स्लाइड के कलर का ध्यान रखें ज्यादा चमक -दमक और अलग-अलग फ़ॉन्ट्स का उपयोग करने से बचें।
  • कभी भी अपने स्टार्टअप को ओवर वैल्यू नहीं बतायें।
  • इन्वेस्टर को बातों में फसाने की कोशिश नहीं करें। उसे सब पता रहता है।
  • अपने कंपनी के बैलेंस शीट को हमेशा मेंटेन रखें। इन्वेस्टर इसे देख सकते हैं।

निष्कर्ष

उम्मीद है आप सभी को ये जानकारी पसंद आयी होगी। यदि आपके पास कोई भी सवाल हो तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

  1. satartup pitch deck kya hota hai?

    satartup pitch deck ppt slide hota hai ,jisme startup ki puri jankari investor ko di jati hai .

  2. startup ke liy pitch deck kaise taiyar karen?

    satartup pitch deck taiyar karne ke liy aap ms power point ya canva ka use kar sakte han.

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