काला नमक कैसे बनता है

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काला नमक कैसे बनता है, दोस्तों हमें से बहुत सारे लोगों को शायद यही पता है कि काले नमक के हमारे देश में दूसरे देशों से आयात होते हैं और उसमें से भी बहुत से लोगों को यह लगता है की काले नमक के पहाड़ पाकिस्तान में पाए जाते हैं क्या आपने कभी ये सोचा है आखिर  काला नमक इतने चटपटा  क्यों होत  हैं जबकि घरेलू नमक सिर्फ नमकीन होता है घर में अक्सर लोगों को काले नमक के छोटे टुकड़ों को को खाना पसंद करते हैं अगर आप काले नमक के पाउडर को चुटकी भर चाट ले तो दोबारा फिर से खाने का मन हो जाता है घर में जितने भी  प्रकार के व्यंजन हो जिसमें नमक डलता हो अगर उसमें थोड़ी सी काले नमक की मात्रा मिला दिया जाए तो खाने का स्वाद और बढ़ जाता है सब्जी सलाद चाट पानी पुरी लाल चाय ऐसे ढेरों खाने के व्यंजन हैं जिसका स्वाद काले नमक के बिना फीका पड़ जाता है गर्मी के मौसम में लोग जलजीरा का शरबत बनाते हैं जिसमें काले नमक का उपयोग किया जाता है आखिरकार काले नमक का इतना चटपटा होने का कारण क्या है

काले नमक को बनाने के लिए उसमे छोटी हरड़ बड़ी हरड़  आंवला और बबूल के छाल का पाउडर मिलाया जाता है जिसकी वजह से इसका स्वाद बहुत ही चटपटा हो जाता है कहीं बाहर जब लोगों को खाना खाने में अनपच हो जाता है तब लोग काले नमक के पानी के घोल को पीते हैं जाने काला नमक कैसे बनता है काले नमक को बनाने के लिए साधारण नमक जो सीधे समुद्र से बनते हैं या बनाए जाते हैं उसका उपयोग किया जाता है। आप लोगों में कई लोगों ने यह नमक देखा होगा यह छोटे छोटे टुकड़ों में होते हैं इसी नमक को  मशीनी प्रक्रिया की मदद से घर में खाने वाला नमक बनाया जाता है और  काले नमक के लिए नमक के बड़े-बड़े टुकड़ों को पहले छाँट  कर एक बराबर  साइज के टुकड़ों में बांट दिया जाता है

बनाने की विधि

नमक को मिट्टी  से बने घड़े के बर्तन में डाला जाता है लगभग 20 किलो कला नमक बनाने के लिए छोटी हरड़ ,बड़ी  हरड़ ,आवँला ,बबूल के छाल के पावडर 1 kg को मिलाया जाता है। फिर इसे कोयले के भट्टी में डाल कर पकाया जाता है।  धीरे-धीरे मिलाने के कुछ देर बाद 12 घंटे तक पकाया जाता है फिर 12 घंटे तक ठंढा  किया जाता है। इसके बाद मिट्टी के बर्तन को तोड़ कर नमक को निकला जाता है।

पैकेजिंग

काले नमक को तोड़ कर पैकेजिंग किया जाता है। बड़े टुकड़े को डायरेक्ट मार्केट में भेज दिया जाता है। छोटे टुकडों को पीस  कर पावडर बना कर पैकेट में भर कर मार्केट में भेज दिया जाता है। पावडर 50 ग्राम से लेकर 1 kg में पैक करके मार्केट में बेच दिया जाता है।

 

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